रविवार, 17 मई 2009
नक्सली हमले से दहलता छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के पहले यहाँ नक्सली समस्या नहीं थी लेकिन जैसे ही नया राज्य बना। वैसे ही प्रदेश के वनांचल क्षेत्रों में नक्सली समस्या छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरी। छत्तीगढ़ राज्य को बने दस वर्ष होने को है प्रदेश में जिस तेज गति से विकास हुआ है इसी तेज गति से छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के तांडव में वृद्धि हुई है आज नक्सली हमले से छत्तीसगढ़ रोज दहल रहा है प्रदेश में सबसे बड़ी कोई समस्या है तो वह है नक्सली यहाँ इन दिनों ऐसा कोई दिन नहीं गुजर रहा है की नक्सली हमले की आहत न सुने दे प्रदेश में सबसे ज्यादा वनांचल क्षेत्र प्रभावित है सरगुजा व बस्तर क्षेत्र के निद्रोश लोगों की जन नक्सली ले रहे हैं जो ग़लत है नक्सली कहते हैं की वे समाज में किसी प्रकार का हिंसा फैलाना नहीं चाहते अब यहाँ गौर करने वाली बात है की वे निहाथ्थों की जन लेकर क्या जाताना चाह रहे नक्सली किसी प्रकार की समाज हित की बात नहीं सोचते यदि ऐसा कोई मंशा होती तो वे ऐसा मानवता के विपरीत कार्य नहीं करते इधर नक्सली मामले को लेकर राजनितिक रोटी सेंकने वालों की भी कमी नहीं है प्रदेश में नक्सली समस्या के विरोध में सलवा जुडूम अभियान चलाया जा रहा है इसमें भी बेकसूर ग्रामीण मारे जा रहे छत्तीसगढ़ के विकास में रोड़ा अटका रहे हैं क्योंकि वे कहते है की उन्हें विकास को रोकना नहीं है तो वे ग्रामीण क्षेत्रो में बन रहे सड़कों को क्यों तोड़ रहे हैं क्यों बिजली सप्लाई को बंद करा देते हैं ऐसे में वे किसके हित चिन्तक बनना चाहते हैं यह उनके सामने सबसे बड़ा प्रश्न है नक्सली हमले पर रोक लगाने सरकार ने नक्सलियों से बात करने की कोशिश की है लेकिन इतने से कुछ होने वाला नहीं है प्रदेश में नक्सली समस्या मिटाने उनके पुनर्वास की व्यवथा करना होगा छत्तीसगढ़ में जिस ढंग से नक्सली गतिविधियों में इजाफा हुआ हैं इससे राज्य पुलिस के नाक पर दम कर दिया है नक्सली बेकसूरों के आलावा पुलिस कर्मियों को भी मौत के घाट उतर दे रहे हैं और पुलिस के हाथ कुछ नक्सलियों के कुछ नहीं आ रहा है राज्य सरकार पिछले दस सालों से नक्सली समस्या से नहीं निपट सकी है और अभी प्रदेश के गृह मंत्री ननकी राम कंवर यह कह रहें हैं की साल भर के भीतर सरकार नक्सली समस्या खत्म कर देगी वैसे तो यह बयान जल्दबाजी में लिया गया निर्णय लगता है हालां की यदि नक्सली समस्या चात्तिसगढ़ से खत्म हो जाए इससे बड़ी और क्या बात हो सकती है फिलहाल प्रदेश की नक्सली समस्या को लेकर राजनीती हो रही है यह अच्छा संकेत नहीं है प्रदेश में नक्सली समस्या से निपटने अब तक विशेष रणनीति नहीं बनी है जो सबसे बड़ी चिंता का विषय है नक्सली रोज हमला कर निद्रोशों की जान ले रहे हैं इस दिशा में बड़ी कारवाई जरुरी है नक्सलियों पर लगाम लगाना जरुरी है नक्सली समस्या छत्तीसगढ़ के किडी कोढ़ की बीमारी से कम नहीं है इसे खत्म कर देने में ही समाज की भलाई है नहीं तो ये धीरे धीरे पुरे छत्तीसगढ़ को चपेट में ले लेंगे.
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
1 टिप्पणी:
हुज़ूर आपका भी .......एहतिराम करता चलूं .....
इधर से गुज़रा था- सोचा- सलाम करता चलूं ऽऽऽऽऽऽऽऽ
कृपया एक अत्यंत-आवश्यक समसामयिक व्यंग्य को पूरा करने में मेरी मदद करें। मेरा पता है:-
www.samwaadghar.blogspot.com
शुभकामनाओं सहित
संजय ग्रोवर
एक टिप्पणी भेजें