रविवार, 31 मई 2009
ख़ुद सुधरें, तब समाज होगा नशामुक्त
शुक्रवार, 29 मई 2009
छत्तीसगढ़ की ये कैसी उपेक्षा
गुरुवार, 28 मई 2009
राजनीती में फैली परिवारवाद की जड़
बुधवार, 27 मई 2009
कैसी कैसी आईपीएल की परिभाषा
गुरुवार, 21 मई 2009
चल पड़ी जूता मारने की परम्परा
बुधवार, 20 मई 2009
पलायन की पीडा
मंगलवार, 19 मई 2009
कैसे वापस आए विदेशों में जमा काला धन
एक यक्ष प्रश्न बना हुआ है देश की जनता को ही विदेशों में जमा कला धन को वापस लाने एकजुट होना होगा। तभी इस दिशा में कुछ हो सकता है
एक तरफ भारत के नेताओं द्वारा यहाँ के पैसे को विदेशों में चोरी छुपे रखा जाता है और आपात स्थिति में भारत को ही विदेशों से उधर लेना पड़ता है इससे बड़ी विडम्बना और क्या हो सकती है देश में जमे ऐसे सफेदपोशों की पहचान जरुरी है। साथ ही विदेशों में जमा काला धन को भी वापस लाना । । देश की गरीब जनता के पेट की रोटी छिनकर विदेशों में पैसे जमा करने वाले ऐसे लोगों की आत्मा क्या मर गई है। देश में एक बड़ी आबादी को दोनों समय रोटी पाने एडी चोटी एक करनी पड़ती है क्या सफेद पाशों को इस बात फिक्र नहीं है। गरीबों के हक़ पर वे अपना हक़ जमा ले रहे हैं विदेशों में काला धन होने दे इसका असर भारतीय अर्थ व्यवथा पर पड़ रहा है अभी संपन्न हुए चुनाव में काला धन वापस लेन को लेकर काफी राजनीती हुई हलाँकि जनता इस बात को समझ रही है इक्किश्वी सदी में लोगों में काफी जागरूकता आई है। भले ही इसका प्रतिक्रिया तत्काल न मिले लेकिन जनता चुप बैठकर भी सब कह व कर जाती है विदेशों में जमा काला धन के मामले में जनता को ही आगे आना होगा क्योंकि नेता तो अपनी ढपली अपना राग अलापेंगे ऐसे में मुख्या दायित्व जनता का ही बनता है की वे ऐसे ग़लत कार्यों पर अंकुश लगाने तत्पर हो।
सोमवार, 18 मई 2009
स्वार्थी नेताओं को वोट का मुक्का
रविवार, 17 मई 2009
नक्सली हमले से दहलता छत्तीसगढ़
शनिवार, 16 मई 2009
हैवानियत की पराकाष्ठा
शुक्रवार, 15 मई 2009
नक़ल पर खड़ी हो रही नयी बुनियाद
स्कूल शिक्षा में नक़ल की प्रवित्ति चरम पर है। अब उच्च शिक्षा में नक़ल ने पैर पसार लिया है। ऐसे में लगता है की समाज में नई बुनियाद नक़ल पर खड़ी हो रही है इसके चलते सृजनशील क्षमता प्रभावित हो रही है समाज में नक़ल एक रोग की तरह फैल रही है उच्च शिक्षा में नक़ल की बढती प्रविती विकास समाज के लिए नुकसान देह हो सकता है इसलिए ज्ञान की ज्योति को अग्रसर करने विशेष पहल की जरुरत है अभिभावकों को मनन करने की जरुरत है की हम सातवें मंजिला भवन के किए कैसी बुनियाद तैयार कर रहें है क्या इससे हमारे समाज का भला हो सकता है यह सभी बुध जीवियों के सामने आज यक्ष प्रश्न बनकर खड़ा है जांजगीर चंपा जिले का रहने वाला हूँ इसलिए चिंता सता रही है ऐसा नहीं है की नक़ल की यह समस्या केवल जिले में है नक़ल की प्रविती पुरे प्रदेश में है अभिभावकों को सोंचना चाहिए वे कैसा नींव तैयार कर रहें हैं जिसकी जोड़ ही पहले से ही कमजोर हो साईं है है उच्च शिक्षा में बढ़ रही नक़ल की प्रविती को रोकने समय रहते पहल करने की जरुरत है इस दिशा में हम सब को मिलकर कार्य करना होगा यह किसी एक का दायित्व नहीं है समाज में व्याप्त इस नक़ल नम के रोग को जड़ से मिटने सामूहिक प्रयास करना होगा समाज को कुछ देने के लिए ही हमारा जन्म हुआ है ऐसे में हमें समाज में व्याप्त नक़ल नम के रोग को मिटाना होगा हम सभी को संकल्प लेना होगा शासन तंत्र को भी नक़ल को खत्म करने पहल करना चाहिए तभी हम स्वस्थ समाज व शिक्षित समाज की कल्पना कर सकते हैं नक़ल की बढती समाज के किए आज सबसे बड़ी चिंता का विषय है इस विचार करने की जरुरत है।