शनिवार, 11 जुलाई 2009
शराबखोरी से मौत का खुला तांडव
गुजरात में जिस ढंग से जहरीली शराब से सौ से भी अधिक लोगों की मौत हो गई है और मौत का यह आंकडा कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। महज चार दिनों में ही गुजरात में शराबखोरी से जो तांडव मचा है। इसने सरकार को भी हिला कर रख दिया है। कांग्रेसी विधायकों ने विधानसभा में इस मामले को लेकर सरकार को कटघरे में खड़ी कर दी है। गुजरात में जहरीली शराब ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है। सरकार अपनी आय में वृद्धि को लेकर शराब बिक्री को बढ़ावा दिया है। इसका नतीजा इस ढंग से सामने आ रहा है। गुजरात में शराबखोरी की प्रवित्ति काफी बढ़ी है। इसके कहीं न कहीं सरकार की नीतियाँ दोषी है। राजस्व के लिए सरकार शराब की दुकानों में लगातार वृद्धि कर रही है। इस ह्रदय विदारक घटना ने हर किसी को हिला कर रख दिया है। शराबखोरी केवल गुजरात की ही समस्या नहीं है। छत्तीसगढ़ में भी जिस ढंग से शराब की दुकानों में हर वर्ष वृद्धि की जा रही है, इससे समाज में अशांति पैदा हो गई है। छग में भी शराबखोरी की प्रवित्ति में कई गुना वृद्धि हुई है। देश का भविष्य कहे जाने वाले युवा ही नहीं, हर तबका का व्यक्ति शराबखोरी में मस्त है। समय रहते छत्तीसगढ़ में भी सार्थक प्रयास नहीं किया गया तो गुजरात में पैदा हुई स्थिति प्रदेश में भी कभी भी बन सकती है। राज्य शासन को शराबखोरी से हो रहे नुकसान व युवाओं के नैतिक पतन के बारे में सोचना चाहिए, न की राजस्व की ही चिंता होना चाहिए। ऐसा नहीं है की छग में शराबखोरी से मौत नहीं हो रही है। प्रदेश में रोज कई लोंगों की जान शराबखोरी से जाती है, बावजूद इस दिशा में अब तक ठोस पहल नहीं हो सकी है। जबकि शासन स्तर पर यह बात किसी से छुपी नहीं है है। सभी को समझ है की शराबखोरी से समाज में शान्ति व्यवस्था तहस नहस हो रही है। अपराध में जीढंग से इजाफा हो रहा है, इसके लिए कहीं न कहीं लोंगों में शराबखोरी की प्रवित्ति को माना जा सकता है। गुजरात में जो तबाही का मंजर इन दिनों सामने आया है। इसने इस बात को और बल मिलता है। गुजरात में कुछ ही दिनों में सौ से ज्यादा लोग काल के गाल में समां गए। दूसरी और सैकडा भर से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। जो रोज मौत से लडाई कर रहे हैं। ऐसी घटना फिर कभी न हो, इसके लिए बेहतर प्रयास की जरुरत है। तभी कुछ हो सकता है, अन्यथा ऐसे मामले सामने आते रहेंगे। हालाँकि मेरी कामना है की भगवन लोगों को हो सदबुध्धि दे की वे शराब से दूर हो जायें तो यह स्थिति ही निर्मित नहीं होगी।
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