सोमवार, 1 जून 2009
चरमरा गई शिक्षा व्यवस्था
छत्तीसगढ़ में वैसे तो किसी भी क्षेत्र में प्रतिभाओं की कमी नहीं है लेकिन प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था संक्रमण काल से गुजर रही है। यहाँ नक़ल की प्रवित्ति इतनी हावी हो गई है की इसका शिधा असर यहाँ के रिजल्ट पर दिखा। छत्तीसगढ़ में कुछ दिनों पहले हायर व हायर सेकेंडरी स्कूल की बोर्ड परीक्षा के परिणाम सामने आए। इस दौरान जिस तादाद में छात्र फेल हुए इसने प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। समय रहते गुणात्मक शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने प्रयास नहीं किया गया वह दिन दूर नहीं जब प्रदेश में प्रतिभाओं को बेहतर मंच मिलना मुस्किल हो जाएगा। स्कूल शिक्षा के साथ साथ उच्च शिक्षा में भी नक़ल का बोलबाला है इससे प्रतिभावान छात्रों को नुकसान हो रहा है। आज जिस दौर से शिक्षा व्यवस्था गुजर रही है तथा अव्यवस्था का आलम है। ऐसे में शिक्षा गुणात्मकता लाना जरुरी हो गया है। नक़ल के चलते इसका असर रिजल्ट पर भी पड़ रहा है। इस सत्र बोर्ड कक्षाओं का जो रिजल्ट रहा। इसने शिक्षाविदों को काफी निराश किया है। पिछले कुछ सालों से स्थिति बिगड़ी है। इसका असर रोजगार पर भी पड़ रहा है। सृजनशीलता की कमी के चलते उन्नति की रह में रोडे साबित होते हैं। माना जाता है की शिक्षा से समाज में सकारात्मक संदेश जाता है। इसलिए शिक्षा जरुरी माना जाता है। आदि मानव युग से आदमी ने शिक्षा के कारन ही छुटकारा पाया है। इस तरह चरमराई शिक्षा व्यवस्था को सुधारने सभी को आगे आकर पहल करनी होगी।
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