शनिवार, 9 अक्तूबर 2010
पथरीली होती धरती
कांक्रीट के जंगल बढ़ते जा रहे हैं और धरती की हरियाली लगातार कम हो रही है। पेड़ कट रहे हैं, जंगल घाट रहे हैं। ऐसे में नुक्सान इन जंगलों में रहने वाले पशु-पक्षियों को ही नहीं, इंसान को भी है। कहीं ऐसा ना हो की एक दिन हमें पेड़ लगाने के लिए मिटटी युक्त जमीन ही नसीब ना हो और पत्थर पर पेड़ उगाने पड़ें। इस तस्वीर पर एक नजर
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2 टिप्पणियां:
शत प्रतिशत सत्य मग़र हम कि मानने को तैयार नहीं
जांजगीर जिला तो पावर हब बन रहा है. वैसे चित्र कहां का है और थोड़े संदर्भ के साथ होता तो बेहतर था.
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