दुनिया में इन दिनों जिस ढंग से लोंगों में स्वाईन फ्लू का बुखार चढा है। इसका प्रभाव भारत में भी देखने को मिल रहा है। देश में स्वाईन फ्लू से लोगों के मरने का आंकडा अब तक ५७ बताया जा रहा है। इस संक्रामक बीमारी को लेकर मीडिया ने जिस ढंग से हाय-तौबा मचाया है, इससे लोग और ज्यादा दहशत में हैं। ऐसा नहीं है की मीडिया की भूमिका लोगों को जागरूक करने में नहीं है, लेकिन स्वाईन फ्लू को लेकर जो बात परोसी जा रही है। इसे किसी भी सूरत में ठीक नहीं कहा जा सकता है।
विश्व स्वास्थय संगठन ने दुनिया के सभी देशों को आगाह किया है। किसी भी बीमारी को लेकर सरकार सतर्क रहनी चाहिए, किंतु ऐसा भी न हो की इसका नकारात्मक असर लोगों में हो। इन दिनों स्वाईन फ्लू को लेकर लोगों में कुछ ऐसी ही स्थिति है। बेवजह लोग डरे सहमें हैं और मुंह को इस ढंग से धक् कर रह रहें की उनके ख़ुद के घर वाले ही उन्हें पहचान नहीं पा रहे हैं।
स्वाईन फ्लू को लेकर यह बात भी विशेषज्ञों स्पष्ट किए हैं हैं की यह संक्रामक बीमारी तापमान कम होने की स्थिति में ज्यादा फैलता है। भारत में वैसे ही तेज तापमान होता है। यहाँ बहुत कम ही स्थान है, जहाँ तापमान कम है। लद्दाख जैसे स्थान में ही तापमान शुन्य से भी कम होता है। देश के अन्य स्थानों में बहुत ही कम देखने को मिलता है। तो ऐसे में गर्म जलवायु होने से देश में इस बीमारी के फैलने की संभावना ही कम नजर आती है। ऐसे में जिस ढंग से स्वाईं फ्लू को लेकर खलभली मची है और समाज का हर वो तबका परेशां है की आखिरकार इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है।
जहाँ देश में स्वाईं फ्लू से लोग अपने को बचने हर वो तरकीब खोज रहे हैं। ऐसे में कुछ लोग भी हैं, जिनकी मानवता मर गई है और इस संक्रामक बीमारी से निपटने में लोगों का हर सम्भव सहयोग करना चाहिए। इस बीच उन्हें अपनी दुकानदारी की फिक्र है और बीमारी से बचने चेहरे पर लगाने वाला मास्क को भी बाजार में नकली उतर दिए हैं। इस नकली मास्क से वे कमाई करने से नहीं चूक रहे हैं। उन्हें लोगों से कोई हमदर्दी नही हैं, उन्हें तो बस दुकानदारी की चिंता है।
बात यहाँ संक्रामक बीमारी स्वाईं फ्लू की है। देश हर दिन लोग दूसरी अन्य बिमारियों से रोज हजारों की संख्या में मर रहे है। इसकी फिक्र किसी को नही है। लोगों ने जो देखा उससे अमल करना शुरू कर दिया। गौर करने वाली बात है की स्वाईं फ्लू का लक्षण माने जाने वाला निमोनिया से देश में ही हर वर्ष बड़ी संख्या में लोग मर जाते हैं। इसके आलावा कई संक्रामक बीमारी से लोग असमय ही काल के गाल में समां जाते हैं। दूसरी ओर सड़क दुर्घटना में ही रोज सैकडों लोगों की मौत हो जाती है। यह सब होता है, लोगों के यातायात नियमों से अनजान होने से। ऐसे में लोगों को यातायात संबधी जागरूकता लाकर इन दुर्घटनाओं को कम किया जा सकता है। ठीक इसी प्रकार स्वाईं फ्लू बीमारी से लोगों में जागरूकता लाकर इससे बचा जा सकता है।
स्वाईं फ्लू से पुणे व मुंबई को ज्यादा प्रभावित बताया जा रहा है और वहां से आने वाले लोग पहले अस्पताल चेक एप के लिए पहुँच रहे हैं। यह भी देखने में आ रहा है की जो लोग पुणे व मुंबई क्षेत्र से आ रहे हैं, उनसे लोग दूर भाग रहे हैं। बीमारी से सुरक्षा जरुरी है, लेकिन किसी को स्वाईं फ्लू होने की पुस्ती नहीं हुई है तो लोगों का यह रवैया समझ से परे है।
देश भर में एक माह से स्वाईं फ्लू का बुखार चढा है। यह उतरने का नाम नहीं ले रहा है। आख़िर इससे पहले कभी ऐसा नहीं हुआ। लोगों में ऐसी परिस्थिति से लड़ने सरकार को प्रोत्साहित करना चाहिए।
भगवान् से हमारी कामना है की यह बीमारी को देश ही नहीं वरन दुनिया से खत्म कर दे और लोगों में इसकी व्याप्त दहशत खत्म हो।
सोमवार, 24 अगस्त 2009
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें